मशहूर फिल्म निर्माता और निर्देशक श्याम बेनेगल का आज 23 दिसंबर को शाम 6.38 बजे निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे। बेनेगल ने दो दिन पहले अपने घर पर गिर गए थे जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। श्याम बेनेगल कथित तौर पर किडनी संबंधी समस्याओं से भी पीड़ित थे। दो दिन से वे काेमा में थे और सोमवार शाम इलाज के दौरान उन्होंने आखिरी सांस ली। मंगलवार शाम शिवाजी पार्क में श्याम बेनेगल का अंतिंम संस्कार किया जाएगा।
श्याम बेनेगल की बेटी पिया ने कहा कि उनके पिता और फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल का क्रोनिक किडनी रोग के कारण 90 वर्ष की उम्र में मुंबई के वॉकहार्ट अस्पताल में निधन हो गया। शाम 6.38 बजे वॉकहार्ट अस्पताल मुंबई सेंट्रल में उनका निधन हो गया। वह कई वर्षों से क्रोनिक किडनी रोग से पीड़ित थे, लेकिन यह बहुत खराब हो गई थी। यही उनकी मृत्यु का कारण है।’
इन पुरस्कारों से नवाजे गए थे श्याम
श्याम बेनेगल को अंकुर, मंडी, मंथन आदि जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता था, जिनमें से अधिकांश 70 या 80 के दशक के मध्य में रिलीज हुई थीं। श्याम बेनेगल को भारत सरकार द्वारा 1976 में पद्मश्री और 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उनकी सफल फिल्मों में मंथन, जुबैदा और सरदारी बेगम शामिल हैं। अपने शानदार करियर में श्याम बेनेगल ने ‘भारत एक खोज’ और ‘संविधान’ सहित विभिन्न मुद्दों, डॉक्यूमेंट्री और टेलीविजन धारावाहिकों पर फिल्में बनाईं।
श्याम ने ऐसे बनाई थी पहली फिल्म
श्याम बेनेगल का जन्म 14 दिसंबर, 1934 को हैदराबाद में हुआ था। वे कोंकणी भाषी चित्रपुर सारस्वत ब्राह्मण परिवार से थे। उनके पिता श्रीधर बी. बेनेगल मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले थे। वे एक फोटोग्राफर थे, जिन्होंने श्याम को फिल्म निर्माण में शुरुआती रुचि दिखाई। महज 12 साल की उम्र में श्याम ने अपने पिता द्वारा उपहार में दिए गए कैमरे का उपयोग करके अपनी पहली फिल्म बनाई। उन्होंने हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की, जहां उन्होंने हैदराबाद फिल्म सोसाइटी की स्थापना की, जो सिनेमा में उनके शानदार सफर की शुरुआत थी।