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तो आकाश शर्मा हैं कांग्रेस का मास्टरस्ट्रोक

राजनीति में एक दल ने जो किया है, वैसा दूसरा दल नहीं करता है तो उसे उस दल के नेता मास्टरस्ट्रोक कहते हैं।कांग्रेस ने रायपुर दक्षिण से आकाश शर्मा को भाजपा के सुनील सोनी को हराने लिए इस बार चुना है। सुनील सोनी कई पदों पर काम कर चुके हैं, वह रायपुर नगर के लोगों के जाने पहचाने, जांचे परखे नेता हैं।

उनके खिलाफ कांग्रेस किसी पुराने रायपुर के किसी नेता को टिकट दे देती तो वह मास्ट्ररस्ट्रोक थोड़ी न कहा जाता। जब पुराने के सामने नया चेहरा मैदान में उतार दिया जाता है, जब चुनाव लड़ने में अऩुभवी बृजमोहन अग्रवाल व सुनील सोनी के सामने कभी चुनाव नहीं लड़ने वाले को उतार दिया जाता है यह मास्टरस्ट्रोक कहा जाता है।

दीपक बैज का कहना है कि आकाश शर्मा को तो आलाकमान ने चुना है। हम लोगों ने तो 15 लोगों के नाम भेजे थे, पुराने लोगों के नाम पर सहमति नहीं बनी इसलिए नए चेहरे को मौका दिया गया है।जब तक किसी का नाम सामने नहीं आया था नगर में तो यही चर्चा चल रही थी कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए ब्राम्हण प्रत्याशी ही चुनेगी इसलिए दो ब्राम्हण नेताओं का ही नाम भेजा गया है, एक प्रमोद दुबे,दूसरे आकाश शर्मा।

प्रमोद दुबे को इसलिए नहीं चुना गया कि पार्टी के कहने पर एक बार उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। प्रमोद दुबे के लिए संभवतः यह विधानसभा चुनाव लडऩे का आखिरी मौका था और उनको यह मौका नहीं दिया गया। उनको बुरा तो लग रहा होगा,समझने वाले उनके दुख को उनके जारी पोस्ट की शायरी पढ़कर समझ गए हैं।

माना जा रहा है कि आकाश शर्मा को इसलिए चुन लिया गया कि उनके नाम की सिफारिश यहां से की गई थी, एक वजह यह भी बताई जा रही है कि वह भूपेश बघेल के करीबी हैं.कांग्रेस के वरिष्ट नेता व गांधी परिवार के करीबी राजेश तिवारी के दामाद हैं। अब तो यह सभी जानते हैं कि गांधी परिवार का जो करीबी होता है, उसे परिवार टिकट देने में मना नहीं करता है, भले ही पार्टी तीसरी बार चुनाव हार जाए।जैसा कि माना जाता है गांधी परिवार ने हरियाणा में किया। मालूम था भाजपा ने नए चेहरे को मौका दिया है फिर भी आलाकमान ने पुराने,अनुभवी,गांधी परिवार के वफादार हुड्डा को मौका दिया। परिणाम क्या हुआ नए चेहरे ने पुराने चेहरे को हरा दिया।

चुनाव भाजपा के जीतने पर इसे भाजपा का मास्टरस्ट्रोक कहा गया था।हो सकता है कि किसी ने आलाकमान के कान में फूंक मारी हो कि हरियाणा में पुराने चेहरे पर दांव लगाए,इसलिए हार गए इसलिए छत्तीसगढ़ में किसी नए चेहरे को मौका दिया जाए तो हम वह सीट जो बरसों से नहीं जीत पाएं है, जीते जाएं।यह बात आलाकमान को पसंद आ गई होगी और अब आकाश शर्मा सुनील सोनी के सामने चुनाव मैदान में हैं।वैसे तो कांग्रेस ने नए चेहरे आकाश शर्मा को चुनकर कोई नया काम नहीं किया है क्योंकि रायपुर दक्षिण से बृजमोहन अग्रवाल को हराने के लिए तो हर बार नए चेहरे का सामने लाती थी, उसे लगता है कि जो एक बार हार गया वह क्या बृजमोहन अग्रवाल को हराएगा। इसलिए जो यहां से एक बार हारा उसे दोबारा कांग्रेस ने रायपुर तो क्या कहीं से टिकट नहीं दिया।जबकि संभावना तो यह भी थी कि पहली बार हारने वाले को दूसरी ही नहीं तीसरी बार मौका देना था क्या पता दूसरी बार में नहीं तो तीसरी बार में वह बृजमोहन अग्रवाल को हरा देता।जैसे स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हरा दिया था।

वैसे तो बृजमोहन अग्रवाल अपने विधानसभा क्षेत्र के अपराजेय नेता हैं।उनसे जलने वाले कहते हैं कि बृजमोहन अग्रवाल कोई अपराजेय नेता नहीं है, कांग्रेस ही उनको हर बार जिताने के लिए नये चेहरे को मौका देती है।नया चेहरा हार जाता है और बृजमोहन अग्रवाल अपराजेय के अपराजेय बने रहते हैं।इस बार भले ही बृजमोहन अग्रवाल भाजपा के प्रत्याशी नहीं हैं लेकिन वह भाजपा के प्रत्याशी के साथ हैं, बस इतना ही भाजपा प्रत्य़ाशी सुनील सोनी की जीत के लिए काफी माना जा रहा है।कुछ लोग सवाल कर रहे हैं दीवार पिक्चर के अभिताभ बच्चन की तरह, मेरे पास बंगला है, गाड़ी है, पैसा है, तेरे पास क्या है।इसी तरह भाजपा के लोग कह रहे हैं कि सुनील सोनी के साथ सीएम साय हैं, सभी भाजपा नेता हैं, पूरा संगठन हैं, आकाश शर्मा के साथ कौन है, कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज।

आलाकमान ने जय बीरू की जोड़ी को महाऱाष्ट्र चुनाव में पार्टी को जिताने के काम लगा दिया गया है।इसलिए माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ उपचुनाव जिताने की जिम्मेदारी इस बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मत्थे डाल दी गई है। कांग्रेस के लिए रायपुर दक्षिण से ज्यादा अहम है महाराष्ट्र जीतना, वहां सरकार बनाना। कांग्रेस एक बार और रायपुर दक्षिण हार भी जाती है तो कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। वह तो यहां हारती ही रही है।लेकिन महाराष्ट्र चुनाव हार गए तो बहुत नुकसान हो जाएगा। राहुल गांधी का कद ऊंचा नहीं रह जाएगा, इसलिए कांग्रेस के तमाम बड़े नेता कांग्रेस को जिताने के लिए महाराष्ट्र में लगा दिए गए, उनकी जिम्मेदारी है कि महाराष्ट्र में राहुल गांधी का कद ऊंचा ही रहना चाहिए।

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