शेयर बाजार ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 6 घंटे में कर डाली 4.16 लाख करोड़ की कमाई
Business:- जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े आने के अगले दिन शेयर बाजार ने शुक्रवार को नया ऑल टाइम हाई रिकॉर्ड बनाया. बीएसई सेंसेक्स में 1200 अंक से ज्यादा का उछाल देखा गया और ये 73,745.35 पॉइंट पर बंद हुआ. इसी तरह एनएसई निफ्टी में भी 350 अंक से ज्यादा की ग्रोथ देखी गई और ये 22,338.75 पॉइंट पर बंद हुआ. बाजार की इस तेजी से बीएसई पर सभी लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 4.16 लाख करोड़ रुपए बढ़कर 392.22 लाख करोड़ रुपए के करीब पहुंच गया है.
दरअसल सरकार ने गुरुवार को ही अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के जीडीपी ग्रोथ आंकड़े जारी किए हैं, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 का आर्थिक वृद्धि दर अनुमान भी बढ़ गया है. सेंसेक्स गुरुवार को 72,500 अंक पर बंद हुआ था और शुक्रवार को 72,606.31 अंक पर बढ़त के रुख के साथ खुला. सरकार ने गुरुवार शाम में जीडीपी के जो आंकड़े पेश किए, उसके हिसाब से अक्टूबर-दिसंबर तिमाही जीडीपी ग्रोथ 8.4 प्रतिशत रही है. जबकि पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में इसके 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
अक्टूबर-दिसंबर में देश की जीडीपी ग्रोथ डबल हुई है, क्योंकि वित्त वर्ष 2022-23 की इसी अवधि में जीडीपी ग्रोथ रेट 4.3 प्रतिशत थी. इसी तरह 7.6 प्रतिशत की ग्रोथ रेट का अनुमान दुनिया के बाकी देशों की तुलना में काफी अधिक है, इस वजह से भी भारतीय शेयर बाजार पर निवेशकों का भरोसा बढ़ा है.
शेयर बाजार को ऊंचाई पर ले जाने वाले 4 फैक्टर
शेयर बाजार में ये उछाल देश में लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले दिख रहा है. आखिर वो कौन-सी 4 वजह हैं जिनकी वजह से शेयर बाजार में ये उछाल देखा गया है.
- अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट उम्मीद से बेहतर रही है. ये बीती 6 तिमाहियों में आर्थिक वृद्धि की सबसे ऊंची दर है. देश में कंस्ट्रक्शन और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में भी लगभग डबल डिजिट ग्रोथ दर्ज की गई है.
- भारतीय शेयर बाजार में तेजी की एक और वजह वैश्विक संकेतों में सुधार होना है. अमेरिका का वॉल स्ट्रीट स्टॉक मार्केट गुरुवार रात को ग्रीन जोन में बंद हुआ. एसएंडपी 500 और नैस्डैक दोनों ने रिकॉर्ड हाई लेवल को छुआ है. इसके अलावा चीन का शंघाई मार्केट भी 300 अंक तक चढ़ा है जबकि हांगकांग के हैंग शेंग इंडेक्स ने भी उछाल लगाया है.
- अमेरिका में महंगाई के आंकड़े जारी होने के बाद इसके कंट्रोल में आने के संकेत दिख रहे हैं. इससे अमेरिकी फेडरल रिजर्व के जून की बैठक में नीतिगत ब्याज दरों में कटौती करने की उम्मीद बढ़ गई है.ऐसे होने से मार्केट में कैश फ्लो बढ़ने की उम्मीद है.
- भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफआईआई) की भरपूर लिवाली जारी है. इसका फायदा शेयर बाजार को लगातार मिल रहा है. पिछले सत्र के कारोबार में ही एफआईआई ने 3568 करोड़ रुपए के शेयर्स खरीदे हैं जबकि बिकवाली महज 230 करोड़ रुपए की हुई है. ये मार्केट के पॉजिटिव जोन में रहने का बड़ा संकेत है.