शादी की तैयारी में जुटा था पूरा परिवार, अचानक हुआ कुछ ऐसा कि एक साथ बिछ गई तीन लाश
पश्चिम चम्पारण :- सात दिन बाद घर से बारात जाने वाली थी. इसलिए सुबह करीब 7:30 बजे घर के सभी सदस्य दरवाजे पर बैठकर आगे की प्लानिंग कर रहे थे. तभी, एक तेज रफ्तार ट्रक आया और वहां बैठे सभी लोगों रौंदते हुए आगे निकल गया. पास में ही खड़े लोगों के लिए मानो यह एक सपना सा था. कुछ सेकंड पहले तक तो सबकुछ सामान्य था, अब अचानक से क्या हो गया ? देखते ही देखते पूरे गांव में चीख पुकार मच गई. दरवाजे पर बैठे सभी 5 लोग जमीन पर बुरी तरह छटपटा रहे थे. लोग कुछ समझ पाते इससे पहले ही उनमेंसे एक की मौत हो चुकी थी.
अस्पताल में हुई दादी और पोती की मौत
यह घटना पश्चिम चम्पारण जिले के चनपटिया प्रखंड के भीखमपुर भटहां टोला की है. 3 मार्च की सुबह लगभग 7:30 बजे भगत मुखिया के सभी पटीदार दरवाजे पर एक साथ बैठकर 7 दिन बाद होने वाली शादी की प्लानिंग कर रहे थे. इस दिन भगत मुखिया के भतीजे छोटू कुमार की शादी होने वाली थी. प्लानिंग करने वालों में छोटू की दादी, तीन चाची और छोटी भतीजी थी. अचानक सड़क से नीचे उतरकर एक तेज रफ्तार 22 चक्का वाला ट्रक आता है और पलक झपकते ही महिलाओं को घसीटते हुए कुछ दूर तक लेकर चले जाता है. नजदीक खड़े भगत मुखिया और अन्य लोग जबतक कुछ समझ पाते, ट्रक उसी रफ्तार से आगे बढ़ते हुए बाइक सवार दो लोगों को भी टक्कर मार देता है. बकौल भगत, ट्रक की गति 80 से 85 किलोमीटर प्रति घंटे की थी.
शादी के 7 दिन पहले घर के तीन सदस्यों की मौत
बाइक सवार को टक्कर मारकर आगे बढ़ रहे ट्रक को पुल पर खड़े ग्रामीणों ने घेर कर कब्जे में ले लिया. इधर, भगत मुखिया ने जमीन पर बुरी हालत में पड़ी अपनी 65 वर्षीया मां सोमवरिया देवी, पत्नी सहित दोनों छोटे भाइयों की पत्नी और पोती को जब देखा, तो उनके एक छोटे भाई विजय मुखिया की पत्नी सुगंधी देवी की मौत चुकी थी. जबकि अन्य सदस्यों की स्थिति बहुत गंभीर थी. जैसे-तैसे सबको गाड़ी में बैठाकर चनपटिया अस्पताल लाया गया. वहां से डॉक्टर ने प्रीति कुमारी (8 वर्ष) और 65 वर्षीय वृद्धा को बेतिया जीएमसीएच रेफर कर दिया. बेतिया में इलाज के दौरान ही वृद्धा की मौत हो गई. इसके पांच घंटे बाद प्रीति की भी मौत हो गई.
गहरे सदमे में है पूरा परिवार
बचे हुए अन्य सदस्यों का इलाज चल रहा है. बकौल भगत मुखिया, शादी की तैयारी कर रहा पूरा परिवार मरघट में बदल चुका है. यह एक ऐसा पल था जिसकी कल्पना भी कभी किसी ने नहीं की थी. अस्पताल से लौटने के बाद गांव वालों की मदद से दोनों महिला और बच्ची का दाह-संस्कार किया गया. विजय ने मृत मां और अपनी पत्नी को मुखाग्नि दी. जबकि, बच्ची को भी रीति रिवाज के साथ दफना दिया गया. शादी की तारीख भी टल चुकी है और पूरा परिवार गहरे सदमे में है.