सऊदी से बाहर यहां तैयार हुई दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद, कुतुब मीनार से 4 गुना ज्यादा ऊंचा मीनार
सऊदी अरब :- अल्जीरिया के राष्ट्रपति अब्देलमाजिद तेब्बौने ने बड़ी धूमधाम से अफ्रीका की सबसे बड़ी मस्जिद ‘जामा अल-जाज़ैर’ (Djamaa El-Djazair) का उद्घाटन किया. हालांकि ये मस्जिद 5 साल पहले ही खुल गई थी लेकिन इसका बचा हुआ काम अब पूरा हुआ है. सऊदी अरब की मक्का मस्जिद और मस्जिद-ए-नबावी के बाद यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद है. इस मस्जिद में बनी मिनार दुनिया की सबसे ऊंची मिनार है जोकि कुतुब मीनार से करीब 4 गुना ज्यादा ऊंची है. ये मस्जिद पूर्व राष्ट्रपति अब्देलअजीज बुउटफ्लिका का ड्रीम प्रजेक्ट थी. लेकिन 20 साल तक सत्ता में रहने के बाद 2019 में अल्जीरिया में हुए विरोध प्रदर्शनों की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा और इस मस्जिद का वे उद्घाटन नहीं कर पाए थे.
क्यों खास है मस्जिद?
इस मस्जिद को चीन की कंपनी ने बनाया है. इसको डिजाइन नए आर्किटेक्चर और अल्जीरियाई की परंपरा को मिलाकर किया गया है. इसका का काम 2010 में शुरू हुआ और 14 सालों बाद ये विशाल मस्जिद बनकर तैयार हुई है. इसके अंदर करीब 1,20,000 नमाजी एक बार में आ सकते हैं, इसकी लाइब्रेरी में करीब एक मिल्लियन किताबें हैं, साथ ही एक हेलीकॉप्टर लैंडिंग पैड भी है. इस दौरान वर्ल्ड यूनियन ऑफ मुस्लिम उलेमा के जर्नल सेक्रेटरी अली मोहम्मद सलाबी ने कहा, “उद्घाटन मुसलमानों को अच्छाई और संयम की ओर लेकर जाएगा.” अल्जीरीया ने 1990 के दशक में हुए खूनी गृहयुद्ध के बाद से ही देश में इस्लाम के उदारवादी रूप का बढ़ावा दिया है. इस मस्जिद को भी मार्डन डिजाइन के साथ बनाया गया है. इस विशाल मस्जिद को बनाने के लिए करीब 898 डॉलर खर्च आया है.
विवादों से घिरा रहा मस्जिद निर्माण
अपने विशाल रूप के अलावा ये मस्जिद अपने काम में देरी के लिए भी चर्चा में रही है. इसके अलावा इस मस्जिद को बनाने के लिए जगह के चुनाव पर भी सवाल उठते रहे हैं. कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि मस्जिद की जगह भूकंपीय खतरों के लिए सुरक्षित नहीं है. हलांकि सरकार ने इन सब दावों से इंकार किया है. निर्माण में देरी और लागत में वृद्धि ने अल्जीरियाई के लोगों के गुस्से को कई बार भड़काया है. कुछ लोगों का कहना था कि वो इस कीमत में देश में 4 अस्पताल बनाना चाहेंगे.