छत्तीसगढ़ में अगले 24 घंटे में होगी झमाझम बारिश
सुकमा और बीजापुर में नदी-नालों के उफान पर आने से हाईवे पर थमा ट्रैफिक
रायपुर। आषाढ़ की विदाई पर शनिवार को छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में भारी बारिश। स्थिति यह है कि बस्तर संभाग में दो दिन से जारी बारिश के बाद नदी, नाले उफान पर आ गए हैं। सुकमा और बीजापुर में नदी-नालों के उफान पर आने से राष्ट्रीय राजमार्ग 30 से दोरनापाल व कोंटा के बीच एर्राबोर नाले के उफान में आने से बस्तर का संपर्क तेलंगाना व आंध्रप्रदेश से टूट गया है।
पिछले दो दिन से जारी बारिश से बस्तर में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सुकमा और बीजापुर में बाढ़ के कारण यात्री फंसे हुए हैं। प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में अलर्ट जारी करते हुए आपदा प्रबंधन की टीम को नियुक्त किया है।
इसी बीच अगले 24 घंटे के लिए 10 जिलों को अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें सुकमा और बीजापुर रेड अलर्ट हैं। वहीं, प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं, जबकि दक्षिण व मध्य छत्तीसगढ़ के एक दो स्थानों पर भारी बारिश होने की चेतावनी दी गई है।
इसी बीच शनिवार को दक्षिण छोड़कर मध्य व उत्तर छत्तीसगढ़ में भी कुछ हिस्सों में बारिश हुई। प्रदेश में सर्वाधिक तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस तिल्दा व मुंगेली में, जबकि न्यूनतम तापमान 20.5 डिग्री सेल्सियस नारायणपुर में दर्ज किया गया।
यह बन रहा सिस्टम
एक अवदाब ओडिशा तट पर चिल्का झील के पास स्थित है, यह उत्तर पश्चिम दिशा में तीन किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ रहा है। इसके उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए उड़ीसा और छत्तीसगढ़ पार करते हुए कमजोर होकर, अगले 12 घंटे में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।
मानसून द्रोणिका माध्य समुद्र तल पर जैसलमेर, अजमेर, दमोह, मंडला, रायपुर, निम्न दाब के केंद्र और उसके बाद पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है।
इसकी वजह से प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ वज्रपात होने तथा भारी वर्षा भी होने की संभावना है। प्रदेश में भारी बारिश का क्षेत्र मुख्यतः मध्य छत्तीसगढ़ के जिले रहने की संभावना है।