बीजापुर। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनी सड़क चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट।संबंधित विभाग के अधिकारी व ठेकेदार की मिलीभगत आई सामने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सडकों का निर्माण कराया जा रहा है ताकि प्रत्येक ग्राम पंचायत अपने मुख्यालय से जुड़ सकें एवं कोई भी गांव पहुच विहीन न रहे। वहीं लोगों को आवागमन के लिये बेहतर सड़क सुविधा उपलब्ध हो सके।
लेकिन ठेकेदार एवं अधिकारियों की मिलीभगत ने शासन की महत्वाकांक्षी योजना पर पानी फेर कर रख दिया है,जिसका जीवंत उदाहरण जिले के उसूर विकाशखण्ड के मुर्दोण्डा से चटलापल्ली तक बने पांच किलोमीटर सड़क में देखा जा सकता है।जो निर्माण के कुछ महीने भर बाद ही सड़क पर पुल नही बनने से पहली ही बारिश में सड़क कई जगह से टूट कर धंस गया और सड़क निर्माण में बरती गई अनियमितता की पोल खुल गई।सड़क के धंसने से अब राहगीरों को आने जाने में तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है।इस तरह लगभग करोडों की लागत से बनाई गई सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।
ग्रामीणों ने बताया कि इस पांच किलोमीटर लम्बई सड़क में ऐसे कई जगह है पुलिया की आवश्यक्ता थी।लेकिन विभग ने ठेकेदार से साठ गांठ कर एक भी पुलिया के निर्माण नही कराया है,जिस से पहली बारिश में सड़क कई जगह से कट गया है।अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर इन गड़बड़ियों पर कौन रोक लगाएगा और जिम्मेदारों कैसे कार्यवाही होगी।वंही हमारे सूत्र बता रहे है विभाग ठेकेदार से मिल विभाग सड़क को अधूरा बनाकर पूरी सड़क एवं पुल को कागजो में बनाकर भ्रस्टाचार को अंजाम देने के साथ ही सड़क एवं पुल की राशि से अपने जेबे गरम कर लिए।
मुर्दोण्डा से चटलापल्ली सड़क के संबंध में ईई सुरेश नागेश से जानकारी लेने उनसे मिलने कार्यालय गए,लेकिन साहब कार्यालय में रहते हुए भी मीडिया कर्मियों से मिलना मुनासिफ नही समझा,पर्ची देने के बाद भी साहब ने मीडियाकर्मियों से नही मिले।इस से ऐसा प्रतीत होता है विभाग के भ्रस्टाचार के कारनामे सामने ना आए एवं अपनी नाकामी छुपाने मीडिया से दूरी बनाया जा रहा है।