
रायपुर। विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन सदन में ऐसा दृश्य देखने को मिला जो आम तौर पर भारतीय संसदीय राजनीति में विरल होता है। बिजली दरों में बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष द्वारा लाया गया स्थगन प्रस्ताव भले ही खारिज कर दिया गया, लेकिन इसके बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देकर एक सदन की शालीनता और संवाद की मिसाल पेश की।
डॉ. महंत ने कहा, “आम उपभोक्ता बिजली बिल की दरों से परेशान हैं। किसानों और आम जनता से अधिक वसूली की जा रही है, लेकिन मुख्यमंत्री ने दरों में कमी पर विचार करने की बात कही। इससे हमें लगा कि वे इस विषय को गंभीरता से ले रहे हैं। इसी कारण मैंने उनका धन्यवाद किया।”
सत्तापक्ष ने की सराहना, मेज थपथपाकर जताया समर्थन
मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिए जाने पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने सदन में मेजें थपथपाकर इस शालीन व्यवहार का स्वागत किया। यह घटना छत्तीसगढ़ विधानसभा के इतिहास में संभवतः पहली बार देखने को मिली जब नेता प्रतिपक्ष ने किसी खारिज हुए स्थगन प्रस्ताव के बाद भी मुख्यमंत्री का सदन में आभार जताया।
विपक्ष ने नहीं किया कोई हंगामा
स्थगन प्रस्ताव अस्वीकार्य होने के बावजूद, विपक्ष की ओर से किसी तरह का विरोध, नारेबाज़ी या वाकआउट नहीं हुआ, जिसने सदन की गरिमा को और मजबूत किया। यह व्यवहार न केवल अन्य राज्यों की विधानसभाओं के लिए एक मिसाल बन सकता है, बल्कि इससे संसदीय मर्यादा और संवाद की संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।