अन्य

आईपीएल के लिए इतना पैसा आता कहां से है आइए आपको भी समझाते हैं इसका पूरा बिजनेस मॉडल

Business:-  दुनिया की सबसे महंगी क्रिकेट लीग आईपीएल का 22 मार्च 2024 यानी कल से आगाज हो जाएगा. ये क्रिकेट, फुल ऑफ कलर्स, डांस, रोमांच, एक्शन और ग्लैमर का तड़का है. इस दौरान फॉरेनर्स प्लेयर्स दो महीने की फैमिली पिकनिक मनाने इंडिया आ जाते हैं. शायद इसीलिए कुछ लोग इसे इंडियन प्रीमियर लीग की जगह इंडियन परिवार लीग और इंडियन पैसा लीग भी कहते हैं. दरअसल, आईपीएल में टीमें पानी की तरह पैसा बहाती है. इससे बीसीसीआई को अंधाधुंध कमाई होती है. ढ़ाई महीने चलने वाले इस टूर्नामेंट में जमकर खर्चा होता है. ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्रिकेट के इस फेस्टिवल को मनाने के लिए पैसा कहां से आता है? टीमों की कमाई कैसे होती है? इससे BCCI कैसे और कितना कमाती है? तो आइए आज हम आपको इन्ही सब बातों का जवाब देते हैं.

कई सोर्सेज से आता है पैसा

आईपीएल में इनकम के एक-दो नहीं बल्कि कई सोर्स हैं. इस गेम में कदम-कदम पर नेम और फेम है. आसान भाषा में कहें तो सेंट्रल रेवेन्यू ही कमाई का सबसे बड़ा शेयर होता है, इसमें दो चीज होती है. पहला मीडिया राइट्स और दूसरा टाइटल स्पॉन्सरशिप राइट्स, जिससे बीसीसीआई और फ्रैंचाइजी अपने प्रॉफिट का 70 टका निकालती है.

मीडिया एंड डिजिटल राइटस

मीडिया और डिजिटल राइट्स से भी आईपीएल और BCCI की जेब भरती हैं. इसको आप ऐसे समझ सकते हैं कि ये वो कीमत है जिसे चुकाकर चैनल वाले आईपीएल टीवी पर लाइव दिखाते हैं. सेटेलाइट टीवी चैनल्स भारी भरकम कीमत देकर मीडिया राइट्स खरीदते हैं. इससे होने वाली कमाई का आधा हिस्सा बीसीसीआई अपने पास रखती है और आधा हिस्सा सभी टीमों में बांट दिया जाता है. साल 2008 यानी पहले सीजन के दौरान ही सोनी ने अगले 10 साल के लिए टूर्नामेंट के टीवी राइट्स खरीद लिए थे. घाटे में चल रहे सेट मैक्स के लिए यह बहुत बड़ा जुआ था, जो सही साबित हुआ. सोनी ने इसे तब 8,200 करोड़ में खरीदा था. इसके बाद साल 2018 से साल 2023 तक के मीडिया राइट्स स्टार इंडिया के पास थे. वहीं, इस बार मुकेश अंबानी के जियो सिनेमा के पास हैं. इससे मुकेश अंबानी की भी अच्छी खासी कमाई होने की उम्मीद है.

टाइटल स्पॉनसरशिप

DLF आईपीएल, वीवो आईपीएल, टाटा आईपीएल… ये सभी टाइटल स्पोंसरशिप हैं. यानी पैसे देकर आईपीएल से खुद का नाम जोड़ने की स्कीम. जो कंपनी सबसे ज्यादा बोली लगाएगी, उसे टाइटल स्पॉनसरशिप मिल जाएगी. यानी क्रिकेट से अपना ब्रांड प्रमोशन. ये आईपीएल की कमाई का दूसरा सबसे बड़ा जरिया है. फिलहाल टाटा आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर है. टाटा ग्रुप ने दो सीजन के लिए 670 करोड़ में राइट्स खरीदे हैं. वीवो अपनी डील को बीच में तोड़ने का टर्मिनेशन फीस भी देता है. इस तरह बीसीसीआई ने साल 2022-2023 में कुल 1124 करोड़ की कमाई करेगा. इसमें से भी आधा पैसा बीसीसीआई अपने पास रखता है और आधा पैसा टीमों में बांट दिया जाता है.

कमर्शियल एड और किट स्पॉन्सरशिप

मैच में जब कोई ओवर खत्म होता है तो थोड़ी देर का ब्रेक होता है और उस थोड़ी देर के ब्रेक में चलते हैं टीवी पर एडवरटाइजमेंट. एक रिपोर्ट के मुताबिक मैच के बीच में आने वाले 10 सेकेंड के विज्ञापन का स्लॉट 15 लाख के आसपास होता है. चिप्स बनाने वाली कंपनी से लेकर कोल्ड्रिंक और छोटी-बड़ी न जाने कितनी चीजों का सेल इस दौरान एड से बढ़ जाती है. मैच के दौरान चलने वाले इस विज्ञापन से बीसीसीआई की कमाई का कुल 20 परसेंट हिस्सा आता है. इसके अलावा टीशर्ट, कैप हेलमेट, स्टंप यहां तक कि अंपायर के ड्रेस में बने लोगो से भी फ्रैंचाइजी अच्छा-खासा पैसा कमाती है.

लोकल रिवेन्यू

सबसे आखिरी में आता है लोकल रिवेन्यू, जिसमें आती है लोकल स्पॉन्सरशिप और प्राइज मनी. मैच की टिकट ब्रिकी से हर साल लगभग एक मैच में पांच करोड़ तक की कमाई हो जाती है. अगर मुकाबला किसी टीम के होम ग्राउंड में हो रहा है तो फ्रैंचाइजी को उस कमाई का 80 प्रतिशत मिलता है. इसके अलावा जो टीम लोकली जितनी पॉपुलर होगी, लोकल लेवल पर उसे उतने स्पॉनसर्स मिलते हैं, इसके साथ-साथ चैंपियनशिप प्राइज मनी से भी कमाई होती है. इसका आधा हिस्से टीम के प्लेयर्स को मिलता है तो आधा कंपनी रखती है.

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker