नई दिल्ली। नेपाल में जिस जगह भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, उसे लेकर अब विश्व धरोहर समिति (डब्ल्यूएचसी) ने बड़ा फैसला सुनाया है। डब्ल्यूएचसी ने यहां जारी अपने सत्र में बृहस्पतिवार को नेपाल में भगवान बुद्ध के जन्म स्थान लुंबिनी को संकटग्रस्त धरोहर स्थलों की सूची में शामिल नहीं करने का फैसला किया। यूनेस्को के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
लुंबिनी को 1997 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया था। मगर अब यह निर्णय विश्व धरोहर परिषद द्वारा स्टोनहेंज, एवेबरी और एसोसिएटेड साइट्स (यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्दर्न आयरलैंड) की जांच के एक दिन बाद लिया गया है। इसके बाद गौतमबुद्ध के जन्म स्थान को इस विश्व धरोहर स्थल को विश्व के संकटग्रस्त धरोहर स्थलों की सूची में नहीं डालने का निर्णय लिया गया।
भारत में आयोजित हो रहा है सत्र
डब्ल्यूएचसी का सत्र फिलहाल भारत में आयोजित किया जा रहा है। यह संस्था दुनिया की तमाम पुरातन धरोहरों को संरक्षित करने का कार्य करती है। विश्व की तमाम ऐतिहासिक इमारतों को डब्ल्यूएचसी की सूची में रखा गया है। मगर अब लुंबिनी को इससे बाहर कर दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि स्टोनहेंज और लुंबिनी दोनों को पहले इस सूची में शामिल करने की सिफारिश की गई थी। डब्ल्यूएचसी का 46वां सत्र पहली बार 21-31 जुलाई को भारत में आयोजित किया जा रहा है। बुधवार को स्टोनहेंज स्थल की, जबकि बृहस्पतिवार को हुई बैठक में लुंबिनी धरोहर स्थल पर विचार किया गया।