न्यायमूर्ति ने दुर्घटना में घायल लोगों की मदद करने वालों का किया सम्मान
दुर्ग । सडक सुरक्षा माह के दौरान महाविद्यालय के विद्यार्थियो एवं भारी वाहन चालको के लिए यातायात जागरूकता पर परिचर्चा का आयोजान बीआईटी कॉलेज दुर्ग में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे चेयर मेन सुप्रीम कोर्ट कमेटी फार रोड सेफ्टी द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। मुख्य अतिथि द्वारा सर्वप्रथम यातायात, आर.टी.ओ, एसडीआरएफ द्वारा लगाया गया प्रदर्शनीय का अवलोकन किया गया।
जिलाधीश द्वारा अपने उद्बोधन से आम नागरिकों से हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने, शराब पीकर वाहन नहीं चलाने अपील की गई साथ ही सडक दुर्घटनाओं में घायलो की मदद करने, न कि वीडियो बनाने कहा गया, यातायात पुलिस लगातार आम नागरिकों की मदद के लिए काम कर रही है एवं हाईवे में फ्लाई ओवर निर्माणाधीन कार्य चलने के साथ साथ यातायात व्यवस्था बनाये रखना एवं जाम से आम नागरिकों को मुक्ति दिलाने का कार्य कर रही है यातायात पुलिस का काम चुनौतिपूर्ण है डबरा पारा एवं कुम्हारी फ्लाई ओवर का कार्य पूर्ण होने पर आम नागरिकों को काफी राहत मिलेगी एवं सरल, सुगम, सुरक्षित यातायात देखने को मिलेगा।
पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज रामगोपाल गर्ग ने अपने उद्बोधन में हेलमेट यातायात पुलिस के डर से नहीं अपनी स्वयं की सुरक्षा के लिए पहने एवं यातायात व्यवस्था आम नागरिकों को जागरूक दो पहिया वाहन चालक, शराब पीकर वाहन ना चलाने, सीट बेल्ट एवं घायल व्यक्तियों की मदद करने अपील की गई।
मुख्य अतिथि द्वारा अपने उद्बोधन में बताया गया कि भारत सडक दुर्घटना मृत्यु मंे पहला स्थान है , विश्व में प्रतिघंटा 3700 सडक दुर्घटना होती है जिसमें भारत में प्रतिघंटा 410 दुर्घटना घटित होताी है जिसमें 17 व्यक्तिओं की मृत्यु होती है जिसमें युवाओं की संख्या 50 प्रतिशत है। दुर्घटना के मुख्य कारण नशे में वाहन चालन, ओवर स्पीड, बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट। जिस प्रकार कोविड में मास्क जीवित रहने के लिए लगाया जाता था वर्तमान में सडक दुर्घटना से बचने के लिए हेलमेट लगाया अनिवार्य है। हमारे देश एवं विदेशो में टैªफिक नियमों के बारे में वीडियो क्लीप के माध्यम से दिखाया गया कि विकसीत देश जैसे वियतनाम, जापान, थाईलेण्ड के सायकल सवार भी हेलमेेट धारण कर चलते है जिसके विपरीत भारत में मोटर सायकल चालको को हेलमेट लगाने के लिए प्रेरित करना पडता है। भारत में 5 लाख सडक दुर्घटना में 1.50 लाख लोग की मृत्यु होती है। इसी प्रकार जापान में 05 लाख सडक दुर्घटना में 1000-2000 लोगो की मृत्यु होती है। मृत्यु का मुख्य कारण बिना हेलमेट, ओवर स्पीड, ड्रीक एण्ड ड्राईव, मोबाईल से बात करते वाहन चालन, शराब पीकर वाहन चालन एवं यातायात नियमों का पालन नहीं करने से होता है तथा यातायात नियमों का पालन करने की अपील की गई।