राजधानी

कुडोपाली भावी पीढ़ी के लिए राष्ट्रवादी विचारों का प्रेरणा केन्द्र बनेगा – राज्यपाल हरिचंदन

1857 की लड़ाई में शहीद सेनानियों की स्मृति में कार्यक्रम का आयोजन

रायपुर । राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ओडिशा प्रवास के दौरान आज शनिवार को संबलपुर जिले के कुडोपाली में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित वृहद कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कुडोपाली में अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई में शहीद होने वाले 57 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की वीरता को नमन किया।

पहाड़ी क्षेत्र कुडोपाली में अंग्रेजों के साथ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का युद्ध हुआ था, जिसमें ओडिशा के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर सुरेद्र साय के भाई वीर छाबिल साय सहित 57 लोग शहीद हुए थे। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में राज्यपाल श्री हरिचंदन ने कहा कि प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य है कि वह अपने शहीदों का सम्मान करें। उनकी देशभक्ति, कठिन संघर्षों और बलिदानों की कहानी आज की पीढ़ी को बताएं और उनमें राष्ट्रीय भावना जागृत करें। हमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, वाघा यतीन, खुदीराम और असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों पर गर्व है।

1857 की लड़ाई में शहीद सेनानियों की स्मृति में कार्यक्रम का आयोजन

राज्यपाल ने उपने उद्बोधन में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ओडिशा में अंग्रेजों के विरुद्ध किए गए पाइका विद्रोह का जिक्र किया। संबलपुर में वीर सुरेंद्र साय और उसके साथी जमींदारों ने खुला विद्रोह किया। उन्होंने सेनानियों को गोरिल्ला युद्ध के लिए प्रशिक्षित किया। ब्रिटिश सेना ने 17 दिसंबर 1857 को कुडोपाली पर हमला किया लेकिन सेनानियों ने साहस के साथ लड़ाई लड़ी और उनको पस्त कर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया। इस लड़ाई में 4 सेनानी शहीद हुए। इसके बाद आज ही के दिन 30 दिसम्बर 1857 को ब्रिटिश सेना ने अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर कुडोपाली शिविर पर फिर हमला किया। इस लड़ाई के दौरान वीर छाबिल साय सहित 53 सैनिक शहीद हुए। इनमें 5 सैनिक कुडोपाली गांव के थे। उन सभी ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। वीर सेनानियों के रक्त से सिंचित यह मिट्टी हमारे लिए चंदन के समान अत्यंत पवित्र है। राज्यपाल ने क्षेत्र के वीर सेनानियों शहीद छाबिल साय, सुरेंद्र साय, उदंत साय, माधो सिंह व अन्य सेनानियों का नमन किया।

राज्यपाल ने कहा कि कुडोपाली अब एक तीर्थस्थल बन रहा है और आने वाली पीढ़ियों के लिए यह राष्ट्रवादी विचारों का प्रेरणा केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि हम सब इसे राष्ट्रीय स्तर का शहीद स्मारक पीठ बनाने में सहयोग करें और नया इतिहास लिखें।

राज्यपाल ने कुडोपाली की वीरगाथा पर आधारित स्मारिका का विमोचन भी कार्यक्रम में किया। इस अवसर पर शहीदों के सम्मान में समलेश्वरी माता मंदिर से कुडोपाली घाटी तक रैली निकाली गई, जिसमें राज्यपाल भी शामिल हुए। कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, रेंगाली के विधायक नौरी नायक, पद्मश्री हलधर नाग, पद्मश्री मित्रभानू गौटिया सहित सेनानियों के परिजन व क्षेत्र के नागरिकगण, महिलाएं, बच्चे बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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