साहित्य सृजन संस्थान द्वारा अयोजित सम्मान समारोह सह कवि सम्मेलन
कवियों ने बांधा समां , श्रोताओं ने की वाहवाही
रायपुर। शहर की प्रतिष्ठित साहित्य सृजन संस्थान ने रायपुर स्थित वृंदावन हॉल में सम्मान समारोह और कवि सम्मेलन का आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अजीत शर्मा और संचालन योगेश शर्मा योगी ने की जिसमें राजस्थान से पधारे प्रसिद्ध कवि सोहन लाल शर्मा प्रेम और अंचल के कई प्रतिष्ठित कवियों ने काव्य पाठ कर समां बांध दिया।उनकी कविताओं को श्रोताओं की भरपूर तालियां और वाहवाही मिली।
मुख्य अतिथि के सानिध्य में श्रेष्ठ साहित्य सृजन सम्मान से धर्मेन्द्र कुमार श्रवण, शिक्षा , कोरबा, एवं विवेक भट्ट, आशा परशुराम को सम्मानित किया गया।
कवि सम्मेलन में प्रस्तुत कुछ शानदार झलकियां प्रस्तुत हैं
श्रीमती सुषमा प्रेम पटेल की प्रस्तुति:
प्रेम समर्पण भाव भरो नित रूप अलौकिक हैं बनवारी ।
पीत लगे मनभावन सुंदर शोभित पंख सजे गिरधारी ।।
अनिल श्रीवास्तव ज़ाहिद ने पढ़ा:
हम जिधर भी गये काफि़ला बन गया ।
जिसको जो भी लिखा वो दुआ बन गया ।
गमजदा लोगों से जो कहा हमने वो
उनके हर दर्दों गम की दवा बन गया ।
राजेंद्र रायपुरी की प्रस्तुति:
इसका होगा,उसका होगा,
यह मेरा है नव वर्ष नहीं।
फिर शुभ संदेशा क्यों भेजूॅ?,
जब दिल में कोई हर्ष नहीं।।
सुदेश कुमार मेहर ने पढ़ा:
क़ैद हो जाओगे गऱ मोह की दीवारों में
दु:ख चला आयेगा पिछले किसी दरवाज़े से
चंद परछाईयों को अपनी तरफ़ आता देख
गाय कुछ कहती रही देर तलक बछड़े से।
श्रीमती ममता खरे मधु ने मुक्तक प्रस्तुत की:
कहता है क्या जमाना ,
मुझको फि़कर नहीं है।
अपनी हदें हैं मालुम ,गिरने का डर नहीं है।
सच के कबेलू टिकते चाहे लाख तूफां आये,
ओढूँ फऱेबी चूनर मुझमे हुनर नहीं है।
सोहन लाल शर्मा प्रेम ने भी मुक्तक पढ़ा:
नए साल की नई सुबह जब, खुशहाली बरसाएगी।
द्वंद मिटेंगे रार बुझेगी, मानवता लहराएगी।
भ्रातृत्व-भाव परबान चढ़ेगा, दृढ़ होंगे सच्चे रिश्ते,
संकल्पों की कल्पित बेला, हर मन को सरसाएगी।।
योगेश शर्मा योगी की प्रस्तुति:
मथुरा में रहो या रहो मदीने में।
सत्य की खुशबू रखो पसीने में।।
सुखऩवर हुसैन रायपुरी
कभी नजऱें उठाते ही कभी नजऱें झुकाते ही
समझ लेते हैं दिल की बात उसके मुस्कुराते ही
खय़ालों में चले आते हैं बचपन के हंसीं मंजऱ
कभी भूले हुए कुछ दोस्तों के याद आते ही।
कार्यक्रम में पंखुरी मिश्रा, उमेश सोनी, राकेश अग्रवाल और अंचल के प्रतिष्ठित कवियों ने भी काव्य पाठ कर कार्यक्रम को सफल बनाया।
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