छत्तीसगढ़

क्या नक्‍सल विरोधी अभियान के खर्च में केंद्र ने कटौती की है-बैज

रायपुर। बजट सत्र के दूसरे दिन बस्‍तर सांसद और छत्‍तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष दीपक बैज ने सवाल किया कि क्‍या छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियान में उपयोग किए जाने वाले संसाधनों पर होने वाले व्यय की केंद्रीय हिस्सेदारी 100 प्रतिशत से घटाकर 60 प्रतिशत कर दी गयी है? इसके उत्‍तर में केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री राय ने बताया है कि भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार, “पुलिस” और “लोक व्यवस्था” के विषय राज्य सरकारों के पास हैं। तथापि, भारत सरकार वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए राज्यों के प्रयासों में सहायता करती रही है।

14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार, केंद्रीय करों की शुद्ध आय में से राज्य की हिस्सेदारी 32% से बढ़ाकर 42% कर दी गई थी। इस कदम के माध्यम से, राज्यों को अपनी स्थानीय आवश्यकताओं/आकांक्षाओ के अनुकूल योजनाओं/कार्यक्रमों को बनाने और कार्यान्वित करने तथा पिछड़े जिलों में विकास संबंधी कमियों को पूरा करने के लिए समुचित लचीलापन प्रदान किया गया था। तदनुसार, नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल में लिए गए निर्णय के अनुसरण में 2015 में गठित केंद्र प्रायोजित योजनाओं के युक्तिकरण पर मुख्यमंत्रियो के उप-समूह की सिफारिशो के अनुसार, वर्ष 2017 से कुछ योजनाओं का कार्यान्वयन 60 (केंद्र): 40 (राज्य) के अनुपात में हिस्सेदारी के आधार पर किया जाता है।

गृह मंत्रालय की 03 प्रमुख स्कीमें अर्थात् सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) स्कीम, विशेष अवसंरचना स्कीम (एसआईएस) और विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) स्कीम हैं, जिनके माध्यम से राज्यों को वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए निधियां प्रदान की जाती हैं। एसआरई स्कीम के तहत, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) पर राज्यों द्वारा किए गए व्यय की प्रतिपूर्ति 100% आधार पर की जाती है, जबकि अन्य मदों के लिए प्रतिपूर्ति 60 (केंद्र): 40 (राज्य) के अनुपात में हिस्सेदारी के आधार पर की जाती है। एसआईएस स्कीम को 60 (केंद्र): 40 (राज्य) के अनुपात में हिस्सेदारी के आधार पर कार्यान्वित किया जाता है।

एससीए स्कीम के तहत, राज्यों को वामपंथी उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित 30 जिलों में सार्वजनिक अवसंरचना और सेवाओं में महत्वपूर्ण कमियों को दूर करने के लिए निधियां प्रदान की जाती हैं। यह 100% केंद्र द्वारा प्रायोजित स्कीम है। इसके अतिरिक्त, वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए राज्यों के सहायतार्थ वार्षिक परिव्यय में काफी वृद्धि की गई है। वर्ष 2011-12 से 2016-17 के बीच 06 वर्षों के दौरान, वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ को 479.80 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी, जबकि वर्ष 2017-18 और 2022-23 के बीच पिछले 06 वर्षों के दौरान ऐसी स्कीमों के तहत राज्य को 1666.40 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker