संसद में भाषण दे रहे बेंजामिन नेतन्याहू को बंधकों के घरवालों ने रोका, कह दी चुभने वाली बात…
गाजा में इजरायली सेना आईडीएफ और हमास आतंकियों के बीच युद्ध चल रहा है।
बेंजामिन नेतन्याहू की सेना हमास पर कहर बनकर टूट रही है। इस बीच सोमवार को विशेष संसदीय सत्र के दौरान नेतन्याहू ने बंधकों के परिवारजनों से मुलाकात की।
नेतन्याहू ने उन परिवारों से ऐसा कुछ कहा कि वे भड़क गए और पीएम को बीच में टोकते हुए नारेबाजी करने लगे।
लोगों ने नेतन्याहू को ऐसी बात कह दी जिससे वह और उनके संसदीय साथी भी हैरान रह गए लेकिन, किसी तरह नेतन्याहू ने लोगों को शांत करने की कोशिश की। क्या था पूरा मामला, जानते हैं।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को गाजा में बंधक बनाए गए बंधकों के परिवार के सदस्यों से नाराजगी झेलनी पड़ी।
सोमवार को एक विशेष संसदीय सत्र के दौरान नेतन्याहू लोगों से मिल रहे थे। अपने भाषण में नेतन्याहू ने लोगों से कहा कि वे जीत मिलने तक गाजा में रुकने वाले नहीं हैं।
उन्होंने लोगों से उनके प्रियजनों को जल्द लाने का आश्वासन दिया। नेतन्याहू ने कहा कि उन्हें समय चाहिए।
नेतन्याहू पर भड़क गए लोग
एक तरफ नेतन्याहू अपना भाषण दे रहे थे तो दूसरी ओर अपने प्रियजनों की तस्वीरों और नामों के साथ पोस्टर लिए लोग उन्हें सुन रहे थे।
नेतन्याहू के समय मांगने पर परिवारों ने असहमति व्यक्त की। भीड़ में से एक ने कहा कि हमारे पास समय नहीं है। एक आवाज के साथ ही भीड़ ने भी चिल्लाना शुरू कर दिया।
वे एक साथ चिल्लाने लगे- हमे हमारे अपने अभी चाहिए। इस तरह संसद के भीतर नारेबाजी चलने लगी।
स घटना से नेतन्याहू कुछ देर के लिए चुप हो गए। सुरक्षाकर्मियों ने शोर मचा रहे लोगों को शांत कराने की कोशिश की। फिर नेतन्याहू ने बोलना शुरू किया।
नेतन्याहू ने अपना दृढ़ संकल्प दोहराते हुए कहा, “हमारे बच्चे व्यर्थ नहीं मरे हैं। हमें तब तक युद्ध नहीं रोकना है जब तक हम उन लोगों पर पूरी जीत हासिल नहीं कर लेते जो हमें मारना चाहते हैं।”
पीएम से पूछा- अगर आपका बेटा हमास के पास होता तो!
जब नेतन्याहू लोगों को संबोधित कर रहे थे तो कुछ परिवार उखड़े हुए नजर आए। भीड़ में से एक ने पीएम से कहा- मेरी बेटी 80 दिनों से उनके कब्जे में है। मेरे लिए हर एक मिनट नरक जैसा लग रहा है। अगर आपका बेटा उनके पास होता तो! जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा, ”हमने कोई कसर नहीं छोड़ी है।”
जिनपिंग और पुतिन से मांगी है मदद
परिवार को जवाब देते हुए नेतन्याहू ने कहा कि हमारी सेना दिन-रात बंधकों को ढूंढ रही है लेकिन, यह इतना आसान नहीं है।
इसलिए मैंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बंधकों को छुड़ाने में मदद मांगी है। सरकार के अथक प्रयासों पर जोर देते हुए कहा नेतन्याहू ने कहा कि मेरी पत्नी ने पोप से भी मदद की अपील की है।
नेतन्याहू ने कहा, “हम सभी बंधकों को वापस लाने के लिए हर वो काम करेंगे, चाहे वो सही हो या नहीं। युद्ध की शुरुआत के बाद से, मैं बंधकों के परिवारों से मिला हूं और मैं आपकी दर्द भरी कहानियां सुनी हैं। हमें एक पवित्र मिशन में एकजुट रहना है।”
गाजा में अभी भी 129 बंधक
प्रधान मंत्री कार्यालय के अनुसार, गाजा में अभी भी 129 बंधक हैं। ऐसी संभावना है कि उनमें से 22 को मार दिया गया है। उनके शव गाजा में ही मौजूद हैं।
जैसे-जैसे इजरायल और हमास के बीच घातक संघर्ष जारी है, गाजा में एक गंभीर मानवीय संकट गहराता जा रहा है। शहर में इजरायल के हमले से कम से कम 20,000 लोगों की जान चली गई है।
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