नवंबर में ही प्राग ने निखिल गुप्ता को US को सौंप दिया, पन्नू की हत्या की साजिश मामले में खुलासा…
खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या को लेकर साजिश रचने का आरोप भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर लगा है।
अमेरिका का कहना है कि गुप्ता ने भारतीय अधिकारियों के दिशानिर्देश पर ऐसा किया। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में अब इस मामले को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है।
इसके मुताबिक, गुप्ता को प्रॉग में हाई सिक्योरिटी जेल फैसिलिटी से मध्य नवंबर में ही अमेरिका भेज दिया गया था। न्यूयॉर्क कोर्ट में साजिश मामले को लेकर केस दर्ज होने से कुछ दिन पहले की यह घटना है।
52 वर्षीय निखिल गुप्ता उस वक्त प्राग एयरपोर्ट पर थे जब उन्हें चेक गणराज्य के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया और 30 जून को उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
बताया जाता है कि गुप्ता बिजनेस और टूरिज्म के सिलसिले में चेक रिपब्लिक में थे। मगर, चेक नेशनल ड्रग अथॉरिटी को इसकी खबर मिल गई जो कि ड्रग तस्करी को लेकर उन पर लगे आरोपों के संबंध में थी।
हिरासत में लेने के बाद चेक अधिकारियों ने प्राग में स्थित भारतीय दूतावास को इसकी जानकारी दी। इसमें बताया गया कि यूएस कोर्ट के ऑर्डर के आधार पर भारतीय नागरिक को हिरासत में लिया गया है।
दूतावास को गुप्ता के बारे में नहीं थी कोई खबर
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय दूतावास को उस समय तक गुप्ता के कारनामों के बारे में कोई खास जानकारी नहीं थी। एंबेसी की ओर से उन्हें काउंसलर मदद मुहैया कराई गई।
उन्होंने गुप्ता की पासपोर्ट डिटेल हासिल की ताकि उसकी पहचान और नागरिकता की जांच की जा सके। मालूम हो कि यह सब एक रूटीन प्रॉसेस ही है। इसके बाद भारतीय मिशन की ओर से गुप्ता की नागरिकता की पुष्टि कर दी गई।
इस दौरान चेक अथॉरिटी के अधिकारी गुप्ता पर लगे आरोपों की सख्ती से जांच-पड़ताल करते रहे। बताया जाता है कि गुप्ता ने प्राग में अपना खुद का वकील हायर किया जो कि चेक क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के सामने उसका पक्ष रख सके।
1 लाख डॉलर के बदले पन्नू की हत्या की सुपारी देने का आरोप
बता दें कि पन्नू की हत्या की साजिश को लेकर निखिल गुप्ता पर लगे आरोपों के सिलसिले में अमेरिकी अदालत में अभियोग दाखिल किया गया है।
इसमें गुप्ता पर 1 लाख डॉलर कैश के बदले अमेरिकी नागरिक की हत्या की सुपारी देने का आरोप है। डाक्यूमेंट के मुताबिक, गुप्ता ने अमेरिका में एक हिटमैन से संपर्क किया और उसे सिख अलगाववादी नेता की हत्या का कॉन्ट्रैक्ट दिया। यह सब उसने भारत सरकार के लिए काम करने वाले एक अधिकारी के कहने पर किया। इसमें कहा गया है कि भारतीय अधिकारी से बातचीत के दौरान गुप्ता ने यह बताया था कि वो नार्कोटिक्स और हथियारों की अंतरराष्ट्रीय तस्करी से जुड़ा हुआ है।
Great read! The depth and clarity of your analysis are impressive. If anyone is interested in diving deeper into this subject, check out this link: DISCOVER MORE. Looking forward to everyone’s thoughts!