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जशपुर बना छत्तीसगढ़ का रॉक क्लाइम्बिंग हब, देशदेखा ने बढ़ाई रोमांच की ऊँचाइयाँ

जशपुरनगर । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय पर्यटन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में जशपुर अब सिर्फ अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जनजातीय संस्कृति के लिए ही नहीं, बल्कि रोमांचक पर्यटन के लिए भी पहचाना जाने लगा है। जशपुर के “देशदेखा क्लाइम्बिंग सेक्टर” ने इस दिशा में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। यह स्थान अब उन साहसिक यात्रियों का पसंदीदा गंतव्य बन रहा है जो रॉक क्लाइम्बिंग के साथ प्रकृति की शांति को भी महसूस करना चाहते हैं।

देशदेखा क्लाइम्बिंग सेक्टर को इस तरह विकसित किया गया है कि यह शुरुआती पर्वतारोहियों से लेकर अनुभवी क्लाइंबर्स तक, सभी के लिए चुनौतीपूर्ण और रोमांचक अनुभव प्रदान करे। यहाँ प्राकृतिक चट्टानों पर विभिन्न प्रकार की क्लाइंबिंग रूट्स तैयार किए गए हैं, जिनमें क्रैक क्लाइम्ब, स्लैब, वर्टिकल फेस और ओवर हैंग जैसी विविध चुनौतियां शामिल हैं। हर चढ़ाई के साथ पर्यटकों को घने जंगलों और जशपुर की हरी-भरी पहाड़ियों का मनमोहक दृश्य देखने को मिलता है, जो अनुभव को और भी यादगार बना देता है।

इस क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी गई है। प्रशिक्षित गाइड्स और प्रमाणित क्लाइम्बिंग इंस्ट्रक्टर्स की देखरेख में चढ़ाई करवाई जाती है। आधुनिक उपकरण, सेफ्टी रोप्स और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार बनाए गए सुरक्षा प्रोटोकॉल यहां की प्रमुख विशेषताएँ हैं। पर्यटकों को एक ऐसा अनुभव देने की कोशिश की गई है जो रोमांचक होने के साथ-साथ सुरक्षित भी हो।

देशदेखा क्लाइम्बिंग सेक्टर का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसका विकास स्थानीय समुदायों की भागीदारी से किया गया है। यहाँ के ग्रामीण और जनजातीय लोग इस परियोजना का हिस्सा बने हैं, जिससे उन्हें रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर मिले हैं। यह पहल न केवल एडवेंचर पर्यटन को प्रोत्साहित करती है, बल्कि पर्यावरण और समुदाय-केंद्रित विकास का उदाहरण भी प्रस्तुत करती है।

प्राकृतिक रूप से समृद्ध यह क्षेत्र वन्यजीवों, झरनों और पहाड़ी दृश्यों से घिरा हुआ है। सुबह की धूप में चमकती चट्टानें और शाम के समय सुनहरी घाटियाँ यहाँ आने वाले हर यात्री को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। अक्टूबर से मार्च तक का मौसम रॉक क्लाइम्बिंग के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस दौरान हवा ठंडी और साफ होती है, जिससे चढ़ाई का अनुभव और भी सुखद हो जाता है।

जशपुर प्रशासन और स्थानीय पर्यटन संगठनों की यह संयुक्त पहल न केवल राज्य के एडवेंचर पर्यटन मानचित्र पर जशपुर को विशेष स्थान दिला रही है, बल्कि यह दर्शा रही है कि अगर स्थानीय संसाधनों को संवेदनशीलता और दूरदर्शिता से विकसित किया जाए, तो छोटे-छोटे पहाड़ी इलाकों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जा सकती है।

देशदेखा क्लाइम्बिंग सेक्टर सिर्फ एक एडवेंचर साइट नहीं, बल्कि यह जशपुर के उस आत्मविश्वास का प्रतीक है जो अपनी प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को सम्मान देते हुए आधुनिक पर्यटन की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यहाँ आकर पर्यटक न सिर्फ चढ़ाई का आनंद लेते हैं, बल्कि “प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व” के उस दर्शन को भी महसूस करते हैं, जो जशपुर की मिट्टी में गहराई से बसा है।

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