पन्नू कांड का कोई असर नहीं, भारत के साथ और मजबूत होंगे रिश्ते; अमेरिका ने दी सफाई…
सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की साजिश को लेकर अमेरिका ने भारत पर आरोप लगाया है।
कहा जा रहा है कि इस पूरे कांड से भारत और अमेरिका के रिश्तों में खटास आ सकती है। हालांकि अमेरिका ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास व्हाइट हाउस ने गुरुवार को कहा कि इससे दोनों देशों के रिश्तों पर असर नहीं पड़ेगा।
बाइडेन प्रशासन ने कहा कि पन्नू की हत्या की कथित साजिश में भारत का हाथ होने का आरोप नई दिल्ली के साथ वाशिंगटन के रणनीतिक संबंधों को प्रभावित नहीं करेगा। हालांकि उन्होंने कहा कि अमेरिका इस तरह के मामले को गंभीरता से लेता है।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, “भारत एक रणनीतिक साझेदार बना हुआ है, और हम भारत के साथ उस रणनीतिक साझेदारी को बेहतर बनाने और मजबूत करने के लिए काम करना जारी रखेंगे। साथ ही, हम इन आरोपों और इस जांच को बहुत गंभीरता से लेते हैं।”
इससे पहले अमेरिका ने अपनी धरती पर एक सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश रचने में एक भारतीय अधिकारी के शामिल होने के आरोपों पर भारत की ओर से जांच कराए जाने की घोषणा को ‘‘अच्छा और उचित’’ करार दिया तथा कहा कि वह जांच के निष्कर्षों को लेकर आशान्वित है।
बुधवार को अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने आरोप लगाया कि निखिल गुप्ता नाम के व्यक्ति ने एक भारतीय सरकारी अधिकारी के साथ मिलकर सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रची थी जो सफल नहीं हो पाई। पन्नू के पास अमेरिका तथा कनाडा की नागरिकता है।
भारत ने अमेरिकी धरती पर सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश रचने के आरोपी व्यक्ति के साथ एक भारतीय अधिकारी को अमेरिका द्वारा जोड़े जाने को बृहस्पतिवार को ‘‘चिंता का विषय’’ बताया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि आरोपों की जांच के लिए गठित समिति के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपने साथ तेल अवीव में मौजूद पत्रकारों से कहा, ‘‘सरकार ने आज घोषणा की है कि वह जांच करा रही है, तो यह अच्छा है और उचित है। हम जांच के परिणाम को लेकर आशान्वित हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह कानूनी मामला है। तो आप समझ सकते हैं कि मैं इस पर विस्तार से बातचीत नहीं कर सकता। मैं कह सकता हूं कि इसे हम बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। हमने पिछले हफ्तों में भारत सरकार के सामने यह मुद्दा उठाया है।’’
इस मामले में व्हाइट हाउस ने भी भारत की ओर से जांच कराए जाने की घोषणा का स्वागत किया है। इसने साथ ही कहा कि इससे भारत और अमेरिका के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में रणनीतिक संचार मामलों के समन्वयक जॉन किर्बी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इन आरोपों को बेहद गंभीरता से लेते हैं और हम इस बात से प्रसन्न हैं कि भारत ने भी इसकी जांच कराने की घोषणा की है। हम बेहद स्पष्ट हैं कि इस कथित अपराध के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को जवाबदेह ठराया जाए।’’ उन्होंने कहा कि इससे भारत और अमेरिका के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। किर्बी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मैं जारी जांच के बारे में कुछ नहीं कहूंगा। मैं बस दो बातें कहूंगा। भारत रणनीतिक साझेदार है और हम भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को बेहतर तथा मजबूत करने के लिए काम करना जारी रखेंगे। साथ ही हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं।’’
बुधवार को अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने आरोप लगाया कि निखिल गुप्ता नाम के व्यक्ति ने एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ मिलकर पन्नू की हत्या की साजिश रची थी जिसे नाकाम कर दिया गया था। अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने बुधवार को मैनहट्टन की एक अदालत को बताया कि चेक गणराज्य के अधिकारियों ने गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है और वह फिलहाल अमेरिका प्रत्यर्पित किये जाने का इंतजार कर रहा है।
नाकाम साजिश के संबंध में वाशिंगटन की ओर से यह आरोप ऐसे समय लगाया गया है जब कुछ सप्ताह पहले ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि जून महीने में वेंकूवर उपनगर में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता थी।
भारत ने ट्रूडो के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। तथाकथित ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ संगठन का नेता पन्नू आतंकवाद के अनेक आरोपों में भारतीय जांच एजेंसियों के लिए वांछित है।
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