संसद में छोड़ा गया स्मोक कैन मेड इन चाइना; यह महज धुंआ नहीं, इसे बंद कमरे में यूज करने की मनाही…
संसद की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है।
दिल्ली पुलिस ने इस घटना को लेकर जो एफआईआर दर्ज की है उसमें भी कई सारे खुलासे हुए हैं।
इसमें बताया गया है कि स्मोक कैन छिपाकर ले जाने के लिए कैसे जूतों के अंदर जगह बनाई गई और उसे सपोर्ट के लिए रबर की परत भी लगी थी।
पुलिस ने FIR में कहा कि स्मोक कैन को इस्तेमाल करते वक्त चश्मा और दस्ताने पहनना जरूरी है।
इसमें यह भी चेतावनी दी गई कि उन्हें कभी भी घर के अंदर या बंद जगह पर यूज नहीं कर सकते हैं। ये कैन मेड इन चाइना हैं और इन्हें केवल खुली जगह पर ही छोड़ने की चेतावनी दी गई है।
मालूम हो कि 13 दिसंबर को सागर शर्मा और मनोरंजन डी नाम के 2 लड़के दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे। इन दोनों ने नारे लगाए और स्मोक कैन छोड़े जिससे चारों ओर पीला धुंआ फैल गया।
यह सब देखकर सांसदों में घबराहट फैल गई मगर दोनों आरोपियों को नेताओं ने ही सदन के अंदर पकड़ लिया। FIR में कहा गया कि दोनों के पास से कुछ पर्चे भी मिले हैं जिनमें अंग्रेजी में ‘जय हिंद’ लिखा है।
इनके पास से तिरंगे की भी तस्वीर मिली है। साथ ही आंशिक रूप से फटे और क्षतिग्रस्त पर्चे पर मणिपुर मुद्दे को लेकर अंग्रेजी में नारे लिखे हैं। यह सब दो अलग-अलग प्लास्टिक कवर में रखा गया था जिसे जब्त कर लिया गया है।
अराजकता फैलाना था इन लोगों का मकसद
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को स्थानीय अदालत में कहा कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोप में गिरफ्तार ललित झा पूरे षड्यंत्र का सरगना है।
झा और अन्य आरोपी देश में अराजकता फैलाना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी मांगें मनवाने के लिए मजबूर कर सकें। पश्चिम बंगाल के रहने वाले झा को गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को 7 दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में दावा किया कि झा ने स्वीकार किया कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश रचने के लिए आरोपी कई बार एक-दूसरे से मिले थे।
सूत्रों ने कहा कि पुलिस 13 दिसंबर को हुई इस घटना का नाट्य रूपांतरण करने के लिए संसद से अनुमति मांग सकती है। यह घटना 2001 में संसद पर हुए हमले की बरसी पर हुई थी।
पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या?
अधिकारी ने कहा कि मामले में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि पुलिस के पास आरोपियों के मोबाइल फोन नहीं हैं, जिससे साजिश का पता लगाने और अधिक लोगों की संलिप्तता के बारे में जानकारी जुटाने में मदद मिल सके।
आरोपियों ने जिस तरह से साजिश रची थी और घटना से पहले रेकी करने के लिए कई बार दिल्ली का दौरा किया था, उससे पुलिस को इसमें विदेशी ताकत का हाथ होने का संदेह है।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस उस व्यक्ति की भी तलाश कर रही है, जिसने केन को जूते में छिपाने में आरोपियों की मदद की थी।
अधिकारी से पूछा गया कि उन्होंने इस कृत्य को अंजाम क्यों दिया। इसपर उन्होंने कहा कि झा ने बताया है कि वे बेरोजगारी से परेशान थे।
Excellent article! The depth of analysis is impressive. For those wanting more information, I recommend this link: FIND OUT MORE. Keen to see what others think!
I discovered your blog site on google and check a few of your early posts. Continue to keep up the very good operate. I just additional up your RSS feed to my MSN News Reader. Seeking forward to reading more from you later on!…
You have remarked very interesting details! ps decent internet site.
I have read a few good stuff here. Definitely worth bookmarking for revisiting. I wonder how much effort you put to create such a excellent informative website.