ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ऐसे कराया कांग्रेस का कई सीटों पर सफाया, 3 साल बाद फिर BJP को MP जिताया…
बात साल 2020 की है। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार का सफर महज डेढ़ साल में ही खत्म हो गया था। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी की राज्य में वापसी हुई।
इसकी बड़ी वजह ज्योतिरादित्य सिंधिया माने जाते हैं, जो तब भी विधायकों के साथ भाजपा में आ गए थे और सियासी तस्वीर बदल दी थी।
अब 2023 में राज्य में हुई भाजपा की बंपर जीत का सहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा सिंधिया के सिर बंधता नजर आ रहा है। इसकी कई वजहें भी हैं।
मुश्किल सीटें भाजपा की झोली में आईं
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सिंधिया का दबदबा माना जाता है। यहां कुल सीटों की संख्या 34 है। साल 2018 में हुए चुनाव में यहां भाजपा को सिर्फ 7 ही सीटें मिल सकी थीं, जो 2023 में बढ़कर 18 हो गई हैं।
इनमें ऐसी कई सीटें शामिल हैं, जो पहले भाजपा ने गंवा दी थीं। कहा जा रहा है कि पहले अनुमान थे कि इस क्षेत्र में भाजपा दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सकेगी।
अब यहां कि एक सीट है भितरवार, जहां भाजपा 20 सालों से बाहर है। इस बार सिंधिया के ही समर्थक मोहन सिंह राठौर ने चार बार के कांग्रेस प्रत्याशी लाखन सिंह यादव को 22 हजार 354 के बड़े अंतर से हरा दिया। उन्होंने राज्य में बीते 13 दिनों में करीब 80 रैलियां की थीं। कहा जा रहा है कि उनका फोकस खासतौर से मालवा और इंदौर क्षेत्र पर था।
इसके अलावा मालवा-निमाड़ क्षेत्र में भाजपा की जीत का कुछ श्रेय सिंधिया को दिया जा रहा है। यहां कि 66 में 48 सीटें इस बार भाजपा के खाते में आई हैं। भाजपा ने इंदौर की भी सभी 9 सीटों पर कब्जा जमा लिया है।
सम्मेलन और तालमेल
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिंधिया ने यह भी सुनिश्चित किया कि भाजपा के नए और पुराने नेताओं के बीच तालमेल बना रहे। वे बूथ पर उनसे मिलने भी पहुंचे। इसके अलावा उन्हें समाज सम्मेलनों का भी आयोजन किया, जहां अलग-अलग समुदायों से भाजपा के बारे में बात की। बताया जा रहा है कि उन्होंने 45 से ज्यादा सम्मेलनों का आयोजन किया था।
हालांकि, इस दौरान उनके समर्थक माने जाने वाले महेंद्र सिसौदिया (बमोरी), राज्यवर्धन सिंह (दत्तीगांव), सुरेश धाकड़ (राठखेड़ा), जयपाल सिंह जज्जी (अशोकनगर), कमलेश जाटव (अंबाह), इमरती देवी (डबरा), रघुराज सिंह कंसाना (मुरैना), माया सिंह (ग्वालियर पूर्व), हीरेंद्र सिंह (राघौगढ़) को हार का सामना करना पड़ा है।
I thoroughly enjoyed this article. The author’s perspective was fascinating and left me with a lot to think about. Let’s dive deeper into this subject. Click on my nickname for more insights!