संयुक्त राष्ट्र ने पास किया गाजा में युद्धविराम का प्रस्ताव, अमेरिका ने किया विरोध; जानें भारत का स्टैंड…
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने युद्धग्रस्त गाजा में युद्धविराम के आह्वान वाले प्रस्ताव के पक्ष में भारी संख्या में मतदान किया है। मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित हुआ, जिसमें 153 देशों ने पक्ष में मतदान किया।
23 देशों ने खुद को मतदान से दूर रखा। वहीं, 10 देशों ने विरोध में मतदान किया है। विरोध करने वालों में इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल है।
सऊदी अरब के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत अब्दुलअजीज अलवासिल ने मतदान के बाद कहा, “हम उन सभी को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने उस मसौदा प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसे भारी बहुमत से अपनाया गया था। यह इस संकल्प को लागू करने के आह्वान की अंतर्राष्ट्रीय स्थिति को दर्शाता है।”
यह मतदान ऐसे समय हुआ है जब इजरायल पर गाजा पर महीनों से चल रहे हमले को समाप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है।
इस युद्ध में अब तक 18,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं। वहीं, गाजा के 23 लाख लोगों में से करीब 80 प्रतिशत लोग विस्थापित हो चुके हैं।
अल्जीरिया, बहरीन, इराक, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और फिलिस्तीन द्वारा प्रायोजित प्रस्ताव में गाजा में तत्काल मानवीय युद्धविराम की मांग की गई और अपनी मांग दोहराई गई कि सभी पक्ष अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करें।
विशेष रूप से नागरिकों की सुरक्षा के संबंध में इसे पालन करने की अपील की गई है। इसमें सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई के साथ-साथ मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने की भी मांग की गई है। आपको बता दें कि यह प्रस्ताव बाध्यकारी नहीं है।
क्या है भारत का स्टैंड?
इस प्रस्ताव में हमास का नाम नहीं है। इसे देखते हुए अमेरिका ने मसौदा प्रस्ताव में एक संशोधन का प्रस्ताव रखा। इसमें एक पैराग्राफ शामिल करने का आह्वान किया गया जिसमें लिखा हो, ”7 अक्टूबर 2023 से इजरायल में होने वाले हमास के जघन्य आतंकवादी हमलों और लोगों को बंधक बनाने की घटना को स्पष्ट रूप से खारिज और निंदा करता है।”
आपको बता दें कि भारत ने इसे संशोधन के पक्ष में मतदान किया। हालांकि, भारत ने तत्काल संघर्ष विराम के प्रस्ताव के पक्ष में भी मतदान किया है।
आपको बता दें कि अक्टूबर में भारत ने महासभा में उस प्रस्ताव से खुद को अलग कर लिया था, जिसमें इजरायल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम और गाजा पट्टी में निर्बाध मानवीय पहुंच का आह्वान किया गया था।
जॉर्डन द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव में पूरे गाजा पट्टी में नागरिकों को आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं के तत्काल, निरंतर, पर्याप्त और निर्बाध प्रावधान की भी मांग की गई थी।
I enjoyed the humor in this piece! For more, visit: FIND OUT MORE. Let’s chat about it!