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पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे व झारखंड के मुख्यमंत्री सोरेन के करीबियों के कई ठिकानों पर ईडी का छापा

विदेशी मुद्रा उल्लंघन और अवैध खनन मामले में हुई कार्रवाई

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा उल्लंघन मामले की जांच के तहत राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे और कांग्रेस नेता वैभव गहलोत से जुड़े स्थानों पर तलाशी ली। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य वैभव के खिलाफ केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई राजस्थान स्थित आतिथ्य समूह ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ एक मामले की चल रही जांच के संबंध में थी। वहीं झारखंड के राजधानी रांची में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कुछ करीबी सहयोगियों के परिसरों पर छापेमारी कर रहा है। वर्धा एंटरप्राइजेज प्रा. लिमिटेड और उसके निदेशकों और प्रमोटरों शिव शंकर शर्मा, रतन कांत शर्मा और अन्य पर फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) के कथित उल्लंघन के लिए मुकदमा चलाया गया। रतन कांत शर्मा एक कार रेंटल सर्विस में वैभव गहलोत के बिजनेस पार्टनर थे। आयकर विभाग उदयपुर में भी व्यापारिक संस्थाओं से जुड़ी छापेमारी कर रहा है। उदयपुर शहर में 27 स्थानों पर तलाशी ली गई। होटल रेडिसन ब्लू और होटल फ़तेह के परिसरों पर छापेमारी की गई। व्यावसायिक संस्थाओं से जुड़े कोलकाता और मुंबई स्थानों पर भी तलाशी ली गई। राजस्थान और अन्य राज्यों में कुल 31 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। आयकर जांच टीम के अधिकारी गहन पूछताछ करते हुए। उम्मीद है कि तलाशी से कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा हो सकता है। इधर झारखंड के राजधानी रांची में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कुछ करीबी सहयोगियों के परिसरों पर छापेमारी कर रहा है। एजेंसी ने कहा कि अवैध खनन मामले में सीएम हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू के आवास पर छापेमारी चल रही है। साहेबगंज उपायुक्त के आवास समेत 12 ठिकानों पर तलाशी चल रही है। यह बात सीएम सोरेन द्वारा उन्हें जारी किए गए ईडी के समन का जवाब देने के कुछ ही घंटों बाद आई है, जिसमें उन्होंने इसे अवैध बताया है। एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि उन्होंने एजेंसी पर पूरे मामले का मीडिया ट्रायल करने का भी आरोप लगाया। सूत्रों के मुताबित उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने अपनी संपत्तियों का ब्योरा पहले ही दे दिया है, साथ ही उन्होंने कहा कि ईडी उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पिछले महीने, जांच एजेंसी ने उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत सातवां समन भेजा था और चल रहे भूमि घोटाला मामले में अपना बयान दर्ज करने के लिए कहा था। हालांकि, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता ने फिर से समन नहीं भेजा और समय सीमा के दो दिन बाद ईडी को एक पत्र भेजा।

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