
रायपुर । मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में राज्य के बुनियादी ढांचे, रक्षा क्षेत्र में सहयोग, युवाओं के लिए सैन्य अवसरों और सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करने जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।
बैठक में केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री तोखन साहू और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह भी उपस्थित थे।
बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार के लिए रक्षा भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध
मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री को अवगत कराया कि बिलासपुर में रक्षा मंत्रालय के अधीन भूमि उपलब्ध है, जो एयरपोर्ट विस्तार के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। उन्होंने आग्रह किया कि इस भूमि को बिलासपुर एयरपोर्ट विस्तार परियोजना के लिए राज्य सरकार को उपलब्ध कराया जाए, जिससे नागरिक और सामरिक — दोनों स्तरों पर कनेक्टिविटी सुदृढ़ होगी।
साथ ही, उन्होंने बिलासपुर क्षेत्र में रक्षा उत्पादन एवं अनुसंधान केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा, ताकि राज्य की औद्योगिक क्षमता का उपयोग रक्षा क्षेत्र के विकास में किया जा सके।
छत्तीसगढ़ में विशेष “सेना भर्ती रैलियाँ” आयोजित करने का अनुरोध
मुख्यमंत्री साय ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं में सेना में भर्ती होने के प्रति असाधारण उत्साह और लगन है। उन्होंने बताया कि राज्य के युवाओं में अनुशासन, शारीरिक क्षमता और राष्ट्रभक्ति की भावना प्रबल है।
उन्होंने रक्षा मंत्री से आग्रह किया कि राज्य के विभिन्न जिलों में विशेष भर्ती रैलियाँ आयोजित की जाएँ, जिससे ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के युवा भी आसानी से सेना में भर्ती होकर देशसेवा का अवसर पा सकें।
इस पर रक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री की बात का स्वागत किया और आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार पूरे प्रदेश में भर्ती रैलियों के आयोजन के लिए पूर्ण सहयोग देगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य है कि देश के हर कोने से योग्य और प्रेरित युवा सेना का हिस्सा बनें।
नौसैनिक पोतों का नाम छत्तीसगढ़ की नदियों और क्षेत्रों पर रखने का सुझाव
बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य की सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान को रेखांकित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की नदियाँ — इंद्रावती, महानदी, अरपा — और क्षेत्र जैसे बस्तर राज्य की आत्मा हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि जब भी रक्षा मंत्रालय नए नौसैनिक पोत लॉन्च करे, तो उनमें से कुछ का नाम INS इंद्रावती, INS महानदी या INS बस्तर रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल न केवल छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को सम्मान देगी, बल्कि भारत की “एकता में विविधता” की भावना को भी मजबूत करेगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्रस्ताव की सराहना करते हुए कहा कि यह विचार “भारत की एकता और सांस्कृतिक गहराई का उत्कृष्ट प्रतीक” है। उन्होंने आश्वासन दिया कि मंत्रालय इस सुझाव पर सकारात्मक विचार करेगा।
रक्षा व इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को बढ़ावा देने पर चर्चा
मुख्यमंत्री साय ने बैठक के दौरान राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति के बारे में भी रक्षा मंत्री को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह नीति “आत्मनिर्भर भारत” अभियान के अनुरूप है और राज्य में रक्षा उत्पादन, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण, अनुसंधान, तथा कौशल प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करती है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पर्याप्त भूमि, ऊर्जा संसाधन और कुशल मानव संसाधन मौजूद हैं, जो रक्षा क्षेत्र में निजी निवेश और रोजगार सृजन के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान कर सकते हैं।
सार्थक और सकारात्मक संवाद
बैठक को दोनों पक्षों ने रचनात्मक और सार्थक संवाद बताया। मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय से छत्तीसगढ़ न केवल विकास की दिशा में आगे बढ़ेगा, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता में भी अपनी सशक्त भूमिका निभाएगा।



