
पटना। बिहार में सरकार गठन की दिशा में एनडीए ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिसमें भाजपा और जदयू ने कैबिनेट शेयरिंग के लिए ‘छह विधायक पर एक मंत्री’ के सिद्धांत को अंतिम रूप दिया है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व में जल्द ही शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी है, जबकि छोटे सहयोगी दल जैसे जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा अब दिल्ली में अपनी हिस्सेदारी तय करने के लिए बातचीत करेंगे, जो गठबंधन की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद, नई एनडीए सरकार के गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा और जदयू ने कैबिनेट में मंत्रियों के बंटवारे को लेकर पहले दौर की बातचीत पूरी कर ली है और एक फॉर्मूले पर सहमति बन गई है।सूत्रों के मुताबिक, गठबंधन इस सिद्धांत पर सहमत हो गया है कि हर छह विधायक पर एक मंत्री पद दिया जा सकता है।
इस फॉर्मूले से गठबंधन के मुख्य सहयोगियों और छोटे दलों के बीच विभागों का बंटवारा आसानी से होने की उम्मीद है।जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा, जिन्होंने दिल्ली में भाजपा नेताओं से बातचीत की, वे आज पटना लौट रहे हैं।
वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर विधायक दल की बैठक की तैयारी को आगे बढ़ाएंगे। जदयू विधायक दल की बैठक कल (सोमवार को) बुलाई जा सकती है। एनडीए के अगले नेता का चुनाव 18 नवंबर तक होने की उम्मीद है।
भाजपा अब अपनी कैबिनेट हिस्सेदारी को अंतिम रूप देने के लिए छोटे सहयोगियों से बातचीत शुरू करेगी। जीतन राम मांझी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने गया से दिल्ली आ रहे हैं।
उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान भी इसी सिलसिले में दिल्ली जा रहे हैं। आज इन सब के बीच भी आपस में बातचीत होने की संभावना है।
चुनाव आयोग आज 18वीं विधानसभा चुनाव के नतीजे गवर्नर राजेंद्र आर्लेकर को सौंप रहा है। नीतीश कुमार ने सोमवार को कैबिनेट मीटिंग बुलाई है, जिसमें मौजूदा 17वीं विधानसभा को भंग करने की मंजूरी दी जाएगी, जिसके बाद वह इस्तीफा देंगे। 19 या 20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां चल रही हैं।



