
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रेलवे के एक कर्मचारी को विभागीय कार्रवाई में दी गई सजा में संशोधन करते हुए कहा कि किसी अधिकारी को उसके पद से सीधे सबसे निचले पद पर डिमोट करना नियमों के विपरीत है।
यह मामला बिलासपुर के दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) कॉलोनी निवासी सीसीएस राव का है। वे मूल रूप से टेक्नीशियन ग्रेड-3 के पद पर नियुक्त हुए थे और पदोन्नति पाकर जूनियर इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) तक पहुंचे।
2013 में उन्हें अनाधिकृत अनुपस्थिति के आरोप में चार्जशीट जारी की गई थी। विभागीय जांच के बाद 2014 में उन्हें सेवा से हटाने की सजा दी गई, जिसे बाद में संशोधित कर तीन साल के लिए टेक्नीशियन ग्रेड-3 पर डिमोशन कर दिया गया था।
राव ने इस सजा को चुनौती दी, लेकिन केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण ने उनकी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
जस्टिस संजय के अग्रवाल और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने माना कि कर्मचारी को सीधे सबसे निचले पद पर भेजना उचित नहीं है। कोर्ट ने आदेश दिया कि राव को जूनियर इंजीनियर से एक पद नीचे मास्टर क्राफ्ट्समैन के पद पर एक साल के लिए डिमोट किया जाए। बाकी सभी शर्तें पूर्ववत रहेंगी।



